मेरा भारत महान

Friday, March 14, 2008

भारतीय भोजन व पाक कला

भारतीय खाना.... From हिंदी वेबसाइट हिंदी भाषियों के लिये एक समर्पित वेबसाइट!
स्वाद और सुगंध का मधुर संगम!

पूरन पूरी हो या दाल बाटी, तंदूरी रोटी हो या शाही पुलाव, पंजाबी खाना हो या मारवाड़ी खाना, जिक्र चाहे जिस किसी का भी हो रहा हो, केवल नाम सुनने से ही भूख जाग उठती है।

भारतीय भोजन की अपनी एक विशिष्टता है और इसी कारण से आज संसार के सभी बड़े देशों में भारतीय भोजनालय पाये जाते हैं जो कि अत्यंत लोकप्रिय हैं। विदेशों में प्रायः सप्ताहांत के अवकाशों में भोजन के लिये भारतीय भोजनालयों में ही जाना अधिक पसंद करते हैं।

स्वादिष्ट खाना बनाना कोई हँसी खेल नहीं है। इसीलिये भारतीय संस्कृति में इसे पाक कला कहा गया है अर्थात् खाना बनाना एक कला है। और फिर भारतीय भोजन तो विभिन्न प्रकार की पाक कलाओं का संगम ही है! इसमें पंजाबी खाना, मारवाड़ी खाना, दक्षिण भारतीय खाना, शाकाहारी खाना, मांसाहारी खाना आदि सभी सम्मिलित हैं।

भारतीय भोजन की सबसे बड़ी विशेषता तो यह है कि यदि पुलाव, बिरयानी, मटर पुलाव, वेजीटेरियन पुलाव, दाल, दाल फ्राई, दाल मखणी, चपाती, रोटी, तंदूरी रोटी, पराठा, पूरी, हलुआ, सब्जी, हरी सब्जी, साग, सरसों का साग, तंदूरी चिकन न भी मिले तो भी आपको आम का अचार या नीबू का अचार या फिर टमाटर की चटनी से भी भरपूर स्वाद प्राप्त होता है।

भारतीय ग्रेव्ही, जिसे कि अक्सर करी और तरी भी कहा जाता है, का अपना अलग ही इतिहास है। जी हाँ, आपको जानकर आश्‍चर्य होगा कि भारतीय करी का इतिहास 5000 वर्ष पुराना है। प्राचीन काल में, जब भारत आने के लिये केवल खैबर-दर्रा ही एकमात्र मार्ग था क्योंकि उन दिनों समुद्री मार्ग की खोज भी नहीं हुई थी। उन दिनों में भी यहाँ आने वाले विदेशी व्यापारियों को भारतीय भोजन इतना अधिक पसंद था कि वे इसे पकाने की विधि सीख कर जाया करते थे और भारत के मोतियों के साथ ही साथ विश्‍वप्रसिद्ध गरम मसाला खरीद कर अपने साथ ले जाना कभी भी नहीं भूलते थे।

करी शब्द तमिल के कैकारी, जिसका अर्थ होता है विभिन्न मसालों के साथ पकाई गई सब्जी, से बना है। ब्रिटिश शासनकाल में कैकारी अंग्रेजों को इतना पसंद आया कि उन्होंने उसे काट-छाँट कर छोटा कर दिया और करी बना दिया। आज तो यूरोपियन देशों में करी इंडियन डिशेस का पर्याय बन गया है।

तो हम आपके लिये पेश कर रहें विभिन्न प्रकार के खाने बनाने की विधियाँ!

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Wednesday, March 12, 2008

भारत जैसी धर्मनिरपेक्षता अन्य किसी देश मे नही देखी जा सकती है.

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तरकश ब्यूरो

1) दूनिया सबसे पुराना लोकतंत्र भारत में अस्तित्त्व में आया था.

2) भारतीय सभ्यता सदियों से अपने अस्तित्व को बचाए रखे हुए है.जबकी दुनिया की सभी पूरानी सभ्यताएँ मिट गई.

3) भारत ने अपने 10 हजार साल के इतिहास मे कभी किसी अन्य देश पर आक्रमण नही किया. भारत पर अनेकों आक्रमण हुए हैं और भारत ने अपनी आधी से अधिक भूमि खो दी है. लेकिन इस देश ने कभी किसी देश पर हमला नही किया.

4) भारत का लोकतंत्र सबसे बडा है.

5) वाराणसी अथवा बनारस दूनिया के सबसे प्राचीन शहरों मे से एक है. भगवान बुद्ध ने ईसा पूर्व 500 मे बनारस की यात्रा की थी. बनारस दूनिया का एकमात्र शहर है जो अति प्राचीन है और जिसका अस्तित्व आज भी है.

6) भारत ने अंकों की खोज की थी. शून्य की खोज भारत के आर्यभट्ट ने की थी.

7) दूनिया की प्रथम विश्वविद्यालय तक्षशिला में ईसा पूर्व 700 मे स्थापित की गई थी. वहाँ दूनिया भर से आए 10 हजार से अधिक छात्र पढते थे. इसके अलावा भारत में नालंदा जैसी अति आधुनिक विश्वविद्यालय भी थी.

8) संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है. सभी यूरोपीय भाषायें संस्कृत पर आधारित मानी जाती है. फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार कम्प्यूटर से लिए सबसे उपयुक्त भाषा भी संस्कृत ही है.

9) दूनिया की सबसे प्राचीन उपचार प्रणाली आयुर्वेद है. आयुर्वेद की खोज 2500 साल पहले की गई थी.

10) ब्रिटिश हमले से पहले भारत दूनिया का सबसे अमीर देश था. भारत को कई यूरोपीय एवं मुस्लिम हमलावरों ने लूटा था.

11) समुद्री परिचालन का आविष्कार सिंधु नदी के किनारे 6000 साल पहले हुआ था. अंग्रेजी शब्द नेवीगेशन मूलत: संस्कृत शब्द "नव-गति" से लिया गया है.

12) पृथ्वी द्वारा सूरज की परिक्रमा करने मे लगने वाले समय की गणना सदियों पहले भास्कराचार्य द्वारा कर ली गई थी. उनकी गणना थी 365.258756484 दिन.

13) "पाई" की खोज बुधायन ने की थी और उन्होने ही पायथोगोरियन सिद्धांत को समझाया था. यह 6ठी शताब्दी की बात है. उसके काफी समय बाद यूरोपीय गणितज्ञ इस बारे में जान पाए.

14) ज्यामिती और अलजेब्रा की खोज भी भारत मे हुई थी. जहाँ रोमन और ग्रीक सभ्यता के लोग मात्र 106 तक की गिनती जानते थे, वहीं हिन्दू 10 घात 53 तक की गिनती कर सकते थे. इतनी बडी गिनती तो आज भी नही होती.

14) बेतार सूचना माध्यम की खोज जगदीश बोस ने की थी, लेकिन उनकी खोज सुर्खियों मे नही आ पाई और इस खोज का श्रेय मारकोनी को मिला.

15) दूनिया मे सबसे पहले बांध और जलाशय भारत मे सौराष्ट्र इलाके मे बने थे.

16) शक राजा रूद्रदमन 1 के अनुसार सुदर्शन नामक एक सुंदर झील रैवातका पर्वत पर चन्द्रगुप्त मोर्य के समय मे ही बना ली गई थी. इतनी ऊँचाई पर मानव निर्मित इस प्रकार की झील जैसे अन्य उदाहरण उस काल मे नही है.

17) शतरंज अथवा अष्टपद की खोज भारत मे हुई थी.

18) शल्यचिकित्सा के जनक भारत के सुशुत्रा थे. 2600 वर्ष पहले के भारतीय चिकित्सक पथरी, अस्थिपीडा, आँखो के मोतिया तथा प्लास्टिक सर्जरी जैसी कठिन शल्य चिकित्सा भी करते थे. अनेस्थेसिया का उपयोग करना भी उन्हे आता था.

19) दूनिया की सबसे प्राचीन और विकसित सभ्यता भारत में सिंधु घाटी मे विकसित हुई थी. 5000 वर्ष पहले हडप्पा संस्कृति फल फूल चुकी थी.

20) दूनिया की 25% से अधिक जनसंख्या हिन्दू, बौद्ध, जैन अथवा सिख धर्म मे विश्वास करती है. इन सभी धर्मों का उदय भारत मे हुआ था.

21) शून्य और अंकगणित का आविष्कार ईसा पूर्व 100 मे भारत मे हुआ था.

22) भारत दूनिया के उन गिने चुने देशों मे से एक है जिसने अपनी स्वतंत्रता अहिंसक आंदोलन चला कर प्राप्त की .

23) दूनिया मे वैज्ञानिको और इंजीनियरों की संख्या के मामले मे भारत दूसरा सबसे बडा देश है.

24) भारत अमरीका और जापान के बाद तीसरा ऐसा देश है जो स्वदेशी प्रोद्योगिकी से सुपर कम्प्यूटर बना सकता है.

25) भारत जैसी धर्मनिरपेक्षता अन्य किसी देश मे नही देखी जा सकती है. भारत मे जन्मे चार धर्म हिन्दू, बौद्ध, जैन और सिख को दूनिया की एक चौथाई आबादी मानती है. भारत मे 3 लाख मस्जिदें है, इतनी तो किसी भी मुस्लिम देश मे भी नही है. यहूदी और ईसाई धर्म के अनुयायी भारत मे ईसा पूर्व 250 और 50 साल पहले आए थे और यही बस गए थे.
26) देश की स्वतंत्रता के बाद सरदार पटेल की कुशल निति के कारण 500 से अधिक रजवाडे भारत संघ मे शामिल हो गए. दूनिया के अन्य किसी भी देश मे ऐसा उदाहरण नही मिलेगा.

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